जीवन

जीवन
स्वप्न

Tuesday, October 25, 2011

जीवन के रंग










उठ जाग मुसाफिर! भोर भई

उठ जाग मुसाफिर! भोर भई,
उठ

 जाग मुसाफिर!
अब रैन कहां जो सोवत है.
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जागत है सो पावत है.
उठ जाग मुसाफिर! भोर भई
अब रैन कहां जो सोवत है.
टुक नींद से अंखियां खोल जरा
पल अपने प्रभु से ध्यान लगा,
यह प्रीति करन की रीति नहीं,
जग जागत है,तू सोवत है .
तू जाग जगत की देख उड़न,
जग जागा तेरे बंद नयन,
यह जन जाग्रति की बेला है,
तू नींद की गठरी ढोवत है.
लड़ना वीरों का पेशा है,
इसमें कुछ भी न अंदेशा है,
तू किस गफलत में पड़ा-पड़ा,
आलस में जीवन खोवत है.
है आजादी का लक्ष्य तेरा,
उसमें अब देर लगा न जरा,
जब सारी दुनिया जाग उठी
तू सिर खुजलावत सोवत है.
-वंशीधर शुक्ल

Tuesday, October 11, 2011

पिन्डारी की यात्रा के पल कॆमरे के संग



लाल कुंआ का प्लेट्फार्म

छोटू कॆमरे वाला


स्वीटी स्वीटी

भूखा आदमी


आदमी और उसका साथी

हट जा बच्चे

सोते रहो

रास्ता है

पत्थर




भीमताल


अतुल हीरो मेरा भाई

अतुल ,कौशिक , देवा

पढने वाले बच्चे

अकेला चल चला चल

बचना जरा

No Comment

पानी के रंग

मंजिल के पास

फुरकिया का ठिकाना

अतुल सिंह और नीरज जाट

चलो भाई कैमरा पकड्ना तो आया


zero point pindaari Glacier  



खतरनाक

सुंदर 

नमन








धर्मानन्द गिरि उर्फ पिन्डारी वाले बाबा का आश्रम

पिडांरी ग्लेशियर







विमर्श I.A.S. at pindari baba ashram

stone cottage where we passed our night at zero point pindari glacier 

धर्मानन्द गिरि उर्फ पिन्डारी वाले बाबा का आश्रम





सूफी टाप

नीरज जाट है कही

पैट पह्नते हुये नीरज जाट



अतुल



सूफी टाप से नीचे उतरते हुये










भीख मागते हुये अतुल और नीरज जाट

धान के ढेर के साथ औरत

सूफी गांव






























अल्मोडा मे जिसने मेरा पेट भरा



नेहा 










प्रिंस अल्मोडा मे






अल्तमस अल्मोडा वाला




अली अल्मोडा मे अपनी पेट की आग बुझाता हुआ
















इशांत गाडी में




अतुल तेरे लिये बाल मिठाई अल्मोडा वाली जी भर के खा लियो .....