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Sunday, September 11, 2011

हिन्दू आखिर लाचार क्यों..................


हिन्दू आखिर लाचार क्यों..................



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जिन आतातायियो ने हमार देश की अस्मिता को तार तार किया हमारी माओं, बहनों, बेटियों की आबरु खुले आम सड्कों पे तार तार किया हमे गुलामी का दंश झेलने के लिये मजबूर किया जबरन धर्म परिवर्तन कराया , मोहन दास करमचन्द गांधी की सनक के परिणाम स्वरुप देश का विभाजन कराया आज उन्ही के साथ अपना हक बांटने के लिये मजबुर क्यों किया जा रहा है दुहायी तो देते है गंगा जमुनी तहजीब की और जैसे ही अपना काम निकल जाता है पीछे से खंजर भोंकने मे जरा भी देरी नही करते, हमारे ये कमीने नेता चन्द सिक्कों के लिये अपनी मां को भी बेचने वाले हरामी हमे बताते है ये सब तुम्हारे भाई है थू है ऎसे भाई पर कल जो गिनती के थे
वो आज २५ करोड हो गये संख्या इतनी बढी की सभी राजनॆतिक दलो को उनके खिलाफ मुंह खोलते ही अपनी पार्टीयो का जनाधार खिसकता नजर आता है डा० साफ साफ कहता है कि यदि तुम्हारे शरीर का कोई हिस्सा बेकार हो गया हो तो उसे काट के फेक देने मे ही भलाई है उसको नासूर बनाने में जान का खतरा है पर यहां तो एक बार सर भी कटाया ( काश्मीर) पंजाब बटा देश को काटा फिर भी नासूर अभी भी कायम है और नारे लगाता है



"हंस के लिया है पाकिस्तान और आतंक के जोर से लेगे पूरा हिंदुस्तान 



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वो बिल्कुल सही सोंचते है क्योंकी देश हमारी प्राथमिकता नही है हमारी  प्राथमिकता है धन ,जाति, धर्म हम लडेंगे लेकिन घर मे सीमा पर या देश के दुश्मन से नही वो हमारी गायें काटे हमारे भाईयों को गाजर मूली की तरह बम विस्फोटो मे उडाये हमे कोई फर्क नही पड्ता जब भी कोई मुस्लिम आतकवादी पकड मे आया तुरंत ही मुल्लों , इमामों का बयान आ जाता है
आतंक का कोई मजहब नही होता

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अरे तो भाई ये तो बताओ पुरे विश्व मे आतंक के नाम पर नंगा नाच करने वाला उनका समर्थन करने  वाले      मुस्ल्मान ही क्यों हर आतंकवादी  जन्नत की तलाश में दूसरों को समय से पह्ले आतंक के नाम पर जिहाद के नाम पर उनका कत्ल करके उनकी लाशों पर नंगा नाच क्यो नाचता है

किसी ने खूब कहा है " न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दुस्तां वालो दास्तां भी न होगी तुम्हारी दास्तानों मे"
 जयहिन्द !

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